अभी एक साक्षात्कार में
जो देखा वह कुछ इस तरह है
एक कैंडिडेट जिसे सबसे पहले बुलाया गया
उसके हाथ में एक खुबसूरत सी फ़ाइल है
जिस फ़ाइल में उसने 'अखबारों' की
कतरनें इकट्ठा की हुयी हैं
इनमे उसका अपना कुछ नहीं है,
इसमें हैं रजा, सुजा, हुसेन और कई नामी
कलाकारों के नाम और उनके काम
इससे तुम्हारी कला का आभास कैसे हो
मेरा तो यही शौक है !
जो देखा वह कुछ इस तरह है
एक कैंडिडेट जिसे सबसे पहले बुलाया गया
उसके हाथ में एक खुबसूरत सी फ़ाइल है
जिस फ़ाइल में उसने 'अखबारों' की
कतरनें इकट्ठा की हुयी हैं
इनमे उसका अपना कुछ नहीं है,
इसमें हैं रजा, सुजा, हुसेन और कई नामी
कलाकारों के नाम और उनके काम
इससे तुम्हारी कला का आभास कैसे हो
मेरा तो यही शौक है !
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