गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

पद्मश्री राम सुतार जी के चित्रों की प्रदर्शनी ललित कला दीर्घा में चल रही है

कला का बोलबाला


आज कल कला का बोलबाला जरूर है पर उसका सत्यानाश करने वालों की कमी नहीं है येसा ही हो रहा है तमाम कला संस्थानों में जहाँ प्रतिभाएं बढ़ाने के उनके विनाश में लोग लगे हुए है, समय के साथ विकास की प्रक्रिया चलती रहती है "मेरठ विश्वविद्यालय में कला के आचार्यों ने पाठ्यक्रम में 'नक़ल' से अकल देने का फार्मूला ढूढा है, जिस काम को करने से छात्र कला के अध्ययन करने की बजाय सारा समय नक़ल करने में लगाता है गुरूजी भी खुश और छात्र भी कोरा का कोरा .

बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

Dr.Lal Ratnakar

डॉ.लाल रत्नाकर के चित्र बहुत सारे प्रकाशनों ने उन्हें अपने यहाँ की प्रकाशित पुस्तकों के कवर पर प्रस्तुत किया है जिनमें से कुछ की छवि यहाँ दी जा रही हैं -